मंगलवार, 29 दिसंबर 2020

Ganga Parikrama- Atulya Ganga Mundmaal Parikrama 16 Dec 20,

                                       अतुल्य गंगा मुण्डमाल परिक्रमा 

                     15 दिसंबर 20 को प्रयाग स्थित मोतीलाल नेहरू इंजीनियर कॉलेज तेलियरगंज के कॉमन हॉल में अतुल्य गंगा मुण्डमाल परिक्रमा के पदयात्रियों को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल द्वारा लखनऊ से वर्चुअल फ्लैग ऑफ कर पदयात्रियों को हरी झंडी दी। यहाँ पर पुणे से कर्नल आर पी पांडे, अहमदाबाद गुजरात से हीरेनभाई पटेल, गुड़गांव से कर्नल मनोज केश्वर, बरेली से पर्वतारोही गोपाल शर्मा, लखनऊ से लेफ्टिनेंट कर्नल हेम लोहनी, पुणे से लेफ्टिनेंट जर्नल एस डी दुहान, चण्डीगढ़ मेजर जर्नल विनोद के भट्ट, फतेहपुर से फ्रीलान्स फोटोजर्नलिस्ट रोहित उमराव, हापुड़ से रोहित जाट एवं शगुन त्यागी, दिल्ली से  इंदु, मुंबई से लेफ्टिनेंट कर्नल अनिल सिन्हा, बिहार से कीर्ति, ओमान से लेफ्टिनेंट कर्नल अनिल दुबे, पुणे से कैप्टन डॉली कुशवाहा, गया से डॉ  श्री प्रकाश आदि पदयात्रियों ने आपस में मुलाकात की। 



                                                  पदयात्रा का पहला दिन : 16 दिसंबर 20, बुधवार।


प्रयाग स्थित गंगा-यमुना संगम तट पर अतुल्य गंगा मुण्डमाल पैदल परिक्रमा में पहुंचे पदयात्रियों के स्वागत के लिए उपस्थित 17 यूपी बटालियन एनसीसी के कैडेट्स। 

पदयात्रियों की अगवानी में पहुंचे गोरखा ट्रेनिंग सेण्टर वाराणसी के बैंड ने शानदार धुन सुनाई। 

पदयात्रियों की अगवानी में पहुंचे गोरखा ट्रेनिंग सेण्टर वाराणसी के बैंड ने शानदार धुन सुनाई। 
ओमान से संगम तट पदयात्रा के लिए पहुंचे लेफ्टिनेंट कर्नल अनिल दुबे। 
संगम तट पर साइबेरियन मेहमानों की  अठखेलियां  देख सभी पदयात्रियों का मन प्रसन्ना हो गया। 
 

गंगा की परिक्रमा के लिए विधि-विधान से पूजन के  उपरांत  संकल्प लेते अग्रिम पंक्ति में विराजमान पदयात्री बाएं से दाहिने इंदु , हीरेनभाई पटेल,  रोहित उमराव , शगुन त्यागी , रोहित जाट। पीछे बैठे गोपाल शर्मा, लेफ्टिनेंट कर्नल हेम लोहनी, कीर्ति व् अन्य। 
अतुल्य गंगा मुण्डमाल परिक्रमा  के साथ नेहरू युवा केंद्र , नमामि गंगे का भी सहयोग मिला।



पूजन के बाद गंगा नदी पार करने के लिए नाव  में सवार होते श्री श्री  गोपाल बाबा साथ में कर्नल माइक। 




पदयात्रा के लिए गंगा नदी पार करते डॉ श्रीप्रकाश, रोहित जाट, शगुन त्यागी, इंदु , लेफ्टिनेंट कर्नल अनिल कुमार सिन्हा।  


झूंसी स्थित समुद्र कूप ऐतिहासिक स्थल में अतुल्य गंगा मुण्डमाल परिक्रमा के  पदयात्रियों द्वारा पहला पौधा पाकड़ का  रोपा गया। 

झूंसी स्थित समुद्र कूप ऐतिहासिक स्थल में अतुल्य गंगा मुण्डमाल परिक्रमा के  पदयात्रियों ने समुद्रकूप देखा। 



झूंसी स्थित समुद्र कूप का दृश्य। 


समुद्रकूप से लौटने के बाद शीश नवा कर यात्रा प्रारम्भ  करते पदयात्री। 


प्रयाग स्थित झूंसी में गंगा नदी के किनारे स्थापित 2000 वर्ष से अधिक आयु वाला पारिजात वृक्ष। 


प्रयाग स्थित झूंसी में गंगा नदी के किनारे स्थापित 2000 वर्ष से अधिक आयु वाले पारिजात वृक्ष को देखकर वापस लौटते पदयात्री । 



प्रयाग स्थित झूंसी में गंगा नदी के किनारे स्थापित 2000 वर्ष से अधिक आयु वाले पारिजात वृक्ष के नीचे खड़े होकर गंगा वृक्षमाल अभियान के साथ पदयात्री। 



झूसी से आकर गंगा नदी में मिलता प्रदूषित जल का नाला। 



झूंसी से 4 किलोमीटर आगे मल्लाही टोला गांव में गंगा नदी किनारे खड़े राज,सूरज,अंकित, करन। 



मल्लाही टोला से आगे नदी किनारे किनारे जाते पदयात्री। 

गंगा नदी किनारे कटान को रोकने के लिए तार से बिंधकर रखे गए पत्थरों के ऊपर से निकलते गोपाल बाबा, लेफ्टिनेंट कर्नल अनिल दुबे और लेफ्टिनेंट कर्नल हेम लोहनी। 



गंगा नदी किनारे पार्थिव देहों को यों ही जमीं में दफना दिया जाता है। 


मल्लाही टोला में गंगा नदी किनारे वाराणसी की ओर बढ़ते लेफ्टिनेंट जर्नल एस डी दुहान और शगुन त्यागी। 



गंगा किनारे मेहमान परिंदो द्वारा बनाई गई पेंटिंग। 


गंगा किनारे नदी की परिक्रमा करते लेफ्टिनेंट कर्नल हेम लोहनी और बदल। 


गंगा नदी के किनारे ऊँचे नीचे किनारों को चढ़ते पदयात्री। 


 
गंगा नदी किनारे सूखे नाले को पर करते पदयात्री। 


तू मेरा है ,मैं तेरा सहारा हूँ -----गंगा परिक्रमा के दौरान एक दूसरे का ख्याल रखते पदयात्री। 

जंगली घास कुसी के बीच रास्ता बनाते जाते पदयात्री। 


बबूल के काँटों की चुभन हो या फिर बीहड़ रास्ता पार कर पहुंचना  ही होगा अगले पड़ाव पर  । 

यात्रा मार्ग पर नदी किनारे बना मचान। 

इस तरह से रास्ता खोजते जाते अतुल्य गंगा मुण्डमाल परिक्रमा दल के यात्री। 



नदी किनारे जानवरों से फसल को बचने के लिए किसानो ने लगा रखी  हैं  लकड़ियां, को पर करती कैप्टन डॉली कुशवाहा। 



गंगा नदी को सरपत लेकर  पैदल पार करती  छिबैया गांव की महिलायें। - 1 

गंगा नदी को सरपत लेकर  पैदल पार करती  छिबैया गांव की महिलायें। - 2 


सरपत लेकर नंगे पॉव लौटती महिला। 


सरपत लेकर नदी पार करने के बाद थकन मिटाती छिबैया गांव की अंगूरी देवी व अन्य महिलाएं। 


पदयात्रियों को रास्ता बताते सुमेरपुर गांव के छोटेलाल। 

रसूलपुर गांव के पास गंगा नदी किनारे रेती। 


रसूलपुर गांव के पास गंगा नदी किनारे अपने जानवरों की घोड़े से रखवाली करते लड़के।

 
घुड़सवारी के लिए घोड़े पर चढ़ते अवधेश त्यागी। 

गंगा नदी किनारे गाओं में आवारा मवेशियों से बचने के लिए काटे के तार लगाते स्थानीय। 


गंगा नदी किनारे ककरा गांव में सचिन त्रिपाठी (25 ) दिलीप त्रिपाठी के साथ फोटोजर्नलिस्ट रोहित उमराव। 


लीलापुर खुर्द गांव के पास पहले दिन की यात्रा के दौरान माइक सर लंच लेकर पहुंचे। 



लीलापुर कला गांव में सभी छह पैदल यात्रियों को ग्राम प्रधान विनोद कुमार शुक्ल के यहाँ रात रुकना पड़ा।  उनहोंने शानदार भोजन कराया और सोने का किया।  उनके आतिथ्य से हम सभी प्रभावित हुए। 






























रविवार, 22 अक्तूबर 2017

Deepawali 2017





दीपावली 2017 

फोटो - 1 
बरेली की दीपावली पिछले वर्षों की भांति गगनचुम्बी आकाशीय बाणों से सराबोर नहीं थी। अच्छा लग रहा है शांत और रौशनी से नहाया बरेली के मॉडल टाउन और कीर्तिनगर का यह इलाका। 



                                                                                  

                                                                                         फोटो -2 

                     जलाओ दीये पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाये। 

                          दीपावली के मौके पर बरेली के सिविल लाइन्स इलाके में युवाओं ने मिलकर मिट्टी के दीये जलाये।




      फोटो - 3

                               आओ मिलकर दूर भगाएं अंधियारे को। मिलकर दीप जलाएं, कर दें रौशन अपने घर को। 





                                                                                         फोटो - 4

                                                                       श्री गणेश-लक्ष्मी जी का पूजन कर दीप जलायें।





शुक्रवार, 12 मई 2017

Working labour on International Labour Day in Bareilly, UP. India.

   

 १ मई  को मज़दूर दिवस होता है,  बरेली में शाहमतगंज चौराहे में बन रहे फ्लाईओवर में काम करता मज़दूर।

                                      फोटो -1 



  
फोटो -२  

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बरेली जिला जेल की जमीं में बन रही बिजली विभाग  की बिल्डिंग में  मज़दूर दिवस के मौके पर काम करता मज़दूर । 

फोटो -3 





फोटो - 4





फोटो -5 





बरेली जिला जेल की जमीं में बन रहे  बिजली विभाग  के भवन में  मज़दूर दिवस के मौके पर काम
करती महिला। 

फोटो -6 





फोटो -7 






फोटो - 8